Collection

मेरा इश्क़ हो तुम, मेरी आशिक़ी हो तुम,
मेरे ख्वाबों में तुम, मेरे खयालों में तुम, 
मेरी उम्मीदों में तुम, मेरी दुआओ मै तुम, 
मेरे गम में तुम, मेरी ख़ुशी मै तुम, 
मेरा सफर हो तुम, मेरी मंज़िल हो तुम, 
मेरी हमसफ़र हो तुम, मेरी ज़िन्दगी हो तुम…. 
– विकी (29 May 2020)

साथ रह के भी दूरिया हैं , ऐसे साथ रहे ही क्यूँ,
फासले distance से नहीं ,
फ़ासले तन से नहीं, रूह से होते हैं,
दिल की दूरियों से हुआ करते हैं ...
रहने दो अब ये सिलसिले, और ये दूरियाँ
जहाँ दिल ना जुड़े, वहाँ रिश्ता भी अधूरा है।
- विकी (21st June 2024,edited 02Feb 2025)
------------------------------------------------------------
तू है मेरे ख़्वाबों में, ख़्यालों में,
तू है मेरी निंदों में, सपनों में,
तू ही है मेरे दिल में, अरमानों में,
तू ही है मेरी हर साँस में, हर पल में।

तेरे बिना अधूरी है मेरी हर दास्ताँ,
तू ही है मेरी ज़िंदगी का हर अफ़साना।
तेरी यादों से रौशन है मेरी रातें,
तू ही है मेरी खुशियों की बहार, मेरी बातें।
- विकी (02 Feb 2025)
------------------------------------------------------------
                       मुलाकातेँ
तेरी राह क्या देखें, तेरी राह क्या ताकें,
तेरी राहों में नज़रें बिछाएँ भी कब तक,
अब तो हर मौसम ख़िज़ां (पतझड़) सा है,
इस सूखे (सूने ) पड़े दिल को,
अब बहारों की आमद का भी इंतज़ार नहीं है,

एक अजीब सी कशमकश है इस दिल में,
न यह अश्क बहाए, न यह मुस्काए,
ग़मों की शामें हैं, तन्हाई का आलम है,
ग़मों की शामें हैं, तन्हाई का आलम है,
तेरी-मेरी मुलाक़तों को आज भी सावन (बारिशों ) का इंतज़ार है…
- विकी ( 12 Feb 2025 )